औषधीय पौधा - अमलतास - वनस्पति नाम Cassia fistula




औषधीय पौधा - अमलतास
वनस्पति नाम - Cassia fistula

इसे संस्कृत में व्याधि धात,तथा बंगला में सोनालू भी कहते है
अमलतास के पत्तो और फूलो में ग्लाइकोसाइड्स,तने की छाल में 10 - 20 प्रतिशत tanin,जड़ की छाल में tanin के अतिरिक्त anthro quinine तथा flovefin एवम् फल के गुदे में शर्करा, पेक्टिन,तथा ग्लूटिन पाया जाता है,जिसके कारण इसका औषधीय महत्व काफी अधिक है|

            अमलतास के पत्ते,फूल,गूदा,छाल एवम् बीज औषधीय के रूप में प्रयोग किया जाता है | इसकी छाल के काढ़े से गरारा करने पर गले कि जलन, गले की नली में सुजन आदि रोग ठीक हो जाता है | अमलतास के बीजों को पानी में घिसकर बिच्छू के दंश वाले स्थान पर लगाने से कष्ट दूर होता है | अमलतास के पत्तो को सिरके में पीसकर बनाए लेप को चर्मरोगो यानी दाद,खाज़,खुजली, फोड़े,फुंसी पर लगाने से रोग दूर होता है,यह प्रयोग कम से कम तीन सप्ताह तक करना जरूरी होता है |अमलतास की गिरी(बीज के अंदर का भाग)को बराबर की मात्रा में धनिए के साथ पीसकर उसमें चुटकी भर कत्था मिलाकर तैयार चूर्ण की आधा चमच्च मात्रा दिन में  2- 3 बार चूसने से मुंह के छालों में आराम मिलता है | अमलतास के बीजों की गिरी को पानी में पीसकर तैयार किए गए गाढ़े लेप को नाभि के निचले भाग और यौ नांगो से उपर लगाने पर पेशाब खुलकर कराने के लिए अचूक प्रयोग माना जाता है | अमलतास की 15 - 20 पत्तियों से बना लेप कुष्ठ का नाश करता है,इसकी जड़ का लेप कुष्ठ रोग के कारण हुई विकृत त्वचा को हटाकर जख्म वाले स्थान को ठीक कर देता है |
अमलतास के पत्तो को सेंककर बांधने से सुजन ठीक हो जाता है |
10 ग्राम अमलतास का गूदा और 10 ग्राम मुनक्का(किशमिश)मिलाकर खाने से शौच साफ आती है और कब्ज समाप्त हो जाती है
अमलतास के पत्तो को पीसकर घी में मिलाकर लेप करने से छोटी छोटी फुंसियों में लाभ होता है | अमलतास के पत्तो के रस को लकवा ग्रस्त अंग पर मालिश करने से लाभ होता है | प्रसव का दर्द एवम् सुप्रसव के लिए भी यह लाभकारी है,इसके लिए अमलतास की फली के चम्मच छिलके कप पानी में उबालकर उसमें शक्कर मिलाकर छानकर गर्भवती को पिलाएं |
सिफलिश रोग में भी यह प्रभावकारी है,इसके बीजों को पानी में पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्द खत्म हो जाते है,या फिर इसका गूदा ग्राम की मात्रा रोज खाने से यह रोग 8 - 9 दिनों में ठीक हो जाता है | 

        अमलतास के मुलायम पत्तो को पीसकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे के सारे काले दाग समाप्त हो जाते है |
अमलतास के पत्तो को पानी के साथ पीसकर शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से काफी आराम मिलता है | अमलतास के गुदे को औषधी के रूप में प्रयोग करने पर इसमें अजवायन या अदरक का समावेश अवश्य करना चाहिए,अन्यथा इसके अकेले प्रयोग से कभी कभी पेट में दर्द या मरोड़ पैदा हो सकते है | इस प्रकार अमलतास एक औषधीय पौधा है,इसका पौधा आप अवश्य लगाएं,इससे आपके घर की सुंदरता तो बढ़ेगी ही,साथ साथ आप इसका औषधीय लाभ भी ले सकते है |


लेखक - Rajan Balan, project director, ATMA,Supaul