अमरूद के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान – Medicinal properties of guava, advantages and disadvantages



 Amrud: डॉक्टर से ज़्यादा उपयोगी है अमरूद – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

आचार्य श्री बालकृष्ण


अमरूद का परिचय (Introduction of Amrud)

अमरूद (Amrud) भारत में मिलने वाला एक साधारण फल है। लगभग अधिकांश घरों या ग्रामीण इलाकों में इसके पेड़ मिल जाते हैं। कुछ पाश्चात्य विद्वानों का कहना है कि इसे अमेरिका से यहाँ पुर्तगीज लोगों द्वारा लाया गया है तथा साथ ही साथ यह भी कहते है कि अमरूद का पेड़ (Guava Tree) भारतवर्ष के कई स्थानों पर जंगलों में होता है। परंतु सच यह है कि जंगली आम, केला आदि के समान इसकी उपज अत्यन्त प्राचीन काल से हमारे यहाँ होती रही है तथा यह यहाँ का ही मूल फल है। इस लेख में हम आपको अमरूद के फायदे (guava benefits in hindi), नुकसान और सेवन के तरीकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।   


 




 


इसका प्राचीन संस्कृत नाम अमृत या अमृत फल है तथा बनारस में प्रायः सब लोग इसे अमृत नाम से ही पुकारते हैं। अमरूद (guava in hindi) का स्वाद खट्टा, मीठा और फीका दो तीन तरह का होता है। स्वादिष्ट होने के साथ साथ अमरूद का औषधीय गुण बहुत पौष्टिक  होता है। कई तरह की बीमारियों को दूर करने में लोग इसे घरेलू उपाय के रुप में इस्तेमाल करते हैं।


अन्य भाषाओं में अमरूद के नाम ( Name of Guava in Different Languages) 

अमरूद (guava in hindi) का लैटिन नाम   Psidium guajava L. (सिडियम गुआजावा) है. इसके कुल का नाम :   Myrtaceae (मिर्टेसी) है. अन्य भाषाओं में इसे निम्न नामों से पुकारा जाता है


Guava in :


English: Common guava (कॉमन ग्वावा)

Hindi: अमरूद, जामफल (Jamfal)

Telugu: (Guava Meaning In Telugu) – एत्ताजम (Ettajama), जमाकाया (Jamakaya In English)

Tamil : कोय्या (Koyya), सेगाप्पूगोया (Segapugoyya), सेगपु (Segapu), सिरोगोय्या (Sirogoyya), सेन्गोया (Sengoyya); , गोय्या (Goyya)

Marathi : जम्बा (Jamba)

Sanskrit : दृढबीजम्, मृदुफलम्, अमृतफलम्, पेरुक, बिही; 

Urdu : अमरूद (Amrud)

Odia :  बोजोजामो (Bojojamo); 

Asam :  मधुरियम (Madhuriam), मुहुरियम (Muhuriam); 

Kannada :  जामफल (Jamphal); 

Gujrati : जमरुड (Jamrud), जमरूख (Jamrukh);

Bengali : गोएच्ची (Goaachhi), पेयारा (Peyara), पियारा (Piyara);

Nepali :  अम्बा (Amba), अमबक (Ambak), अमूक (Amuk); 

Punjabi : अंजीरजाड (Anjirzard), अमरूद (Amrud); 

Malyalam :  कोय्या (Koyya), मलक्कापेरा (Malakkapera), पेरा (Pera); , टुपकेल (Tupkel)

Arabi : अमरूद (Amrud), जुडाकनेह (Judakaneh), कामशरणी (Kamsharni); 

Persian- अमरूद (Amrud)।

 


अमरूद के फायदे और उपयोग (Amrud Benefits and uses)

आयुर्वेद में अमरूद के कई फायदे (guava benefits in hindi)बताए हैं, अमरूद में माताओं में दूध बढ़ाने वाले, मल को रोकने वाले, पौरुष बढ़ाने वाले, शुक्राणु बढ़ाने वाले और मस्तिष्क को सबल करने वाले होते हैं। अमरूद का औषधीय गुण प्यास को शांत करता है, हृदय को बल देता है, कृमियों का नाश करता है, उल्टी रोकता है, पेट साफ करता है औऱ कफ निकालता है। मुँह में छाले होने पर, मस्तिष्क एवं किडनी के संक्रमण, बुखार, मानसिक रोगों तथा मिर्गी आदि में इनका सेवन लाभप्रद होता है। आइये अमरूद के प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।


 


सिरदर्द दूर करता है अमरूद (Amrood Help to Get Relief from Headache) 

Unripe Guava health benefit


सूर्योदय से पहले प्रातः कच्चे हरे अमरूद (guava in hindi) को पत्थर पर घिसकर जहां दर्द होता है, वहां खूब अच्छी तरह लेप कर देने से सिर दर्द नहीं उठ पाता। अगर दर्द शुरू हो गया हो तो शांत हो जाता है। यह प्रयोग दिन में तीन-चार बार करना चाहिए।




खाँसी-जुकाम से आराम दिलाता है अमरूद (Benefits of Guava in Cold and Cough in Hindi)

जुकाम के पुराने रोगी, जिसका कफ न निकल रहा हो, को एक बड़ा अमरूद बीज निकालकर खिला दें और ऊपर से ताजा जल रोगी नाक बंद करके पी ले। दो-तीन दिन में ही रुका हुआ जुकाम बहकर साफ हो जाएगा। दो-तीन दिन बाद अगर स्राव रोकना हो तो 50 ग्राम गुड़ रात्रि में बिना जल पीए खा लें। यदि सूखी खाँसी हो और कफ न निकलता हो तो, सुबह एक ताजे अमरूद (guava in hindi) को तोड़कर, चबा-चबा कर खाने से 2-3 दिन में लाभ होता है। अमरूद का भबका यंत्र द्वारा अर्क निकालकर उसमें शहद मिलाकर पीने से भी सूखी खाँसी में लाभ होता है। एक रिसर्च के अनुसार अमरुद की पत्तियों का सेवन जुकाम खांसी से आराम दिलाने में सहायक होता है क्योंकि अमरुद में पाये जाने वाला विटामिन- सी जुकाम और खांसी से शरीर को लड़ने में मदद करता है।




मुँह के रोग और दांतदर्द से आराम (Amrud Benefits for Oral Health and Dental Pain in Hindi)

अमरूद (guava in hindi) के 3-4 पत्तों को चबाने या पत्तों के काढ़े में फिटकरी मिला कर कुल्ला करने से दांत के दर्द में आराम (guava benefits in hindi) होता है। अमरूद के कोमल पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं। अमरूद के पत्तों को पानी में पकाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में नमक मिलाकर मुँह में 4-5 मिनट तक रख कर कुल्ला करने से मुख के घाव, मुखगत रक्तस्राव तथा मुखदौर्गन्ध्य में लाभ प्राप्त होता है और दाँत स्वस्थ रहते हैं।


 


हृदय रोगों से बचाव (Guava Benefits in Prevention of Heart Diseases in Hindi)

अमरूद का औषधीय गुण पाने के लिए फलों के बीज निकाल कर बारीक-बारीक काटकर शक्कर मिलाकर, धीमी आंच पर चटनी बनाकर खाने से हृदयविकार तथा कब्ज में लाभ होता है।




उल्टी रोकने में असरदार है अमरूद (Amrud Helps to Get Relief from Vomiting in Hindi)

अगर आपको उल्टियां हो रही हैं तो अमरूद के उपयोग से आप उल्टियां रोक सकते हैं. इसके लिए अमरूद के पत्तों का काढ़ा 10 मि.ली. पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।




प्यास बुझाने में मदद करता है अमरूद (Guava Helps to Relieve Thrist in Hindi)  :

अमरूद (guava in hindi) के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर पानी में डाल दें। कुछ देर बाद इस पानी को पीने से मधुमेह या बहुमूत्रजन्य प्यास में लाभ होता है।




पेचिश में लाभकारी है अमरूद (Amrud Benefits in Dysentery in Hindi)

बच्चे का पुराना पेचिश मिटाने के लिए अमरूद (guava meaning in hindi) की 15 ग्राम जड़ को 150 मिली जल में पकाकर जब आधा जल  शेष रह जाए तो 6-6 मि.ली. तक दिन में दो-तीन बार पिलाना चाहिए। कच्चे अमरूद के फल को भूनकर खिलाने से भी अतिसार में लाभ होता है। अमरूद की छाल व इसके कोमल पत्रों का काढ़ा बनाकर 20 मि.ली. मात्रा में पिलाने से हैजा की प्रारम्भिक अवस्था में लाभ होता है।


अमरूद की छाल का काढ़ा अथवा छाल के 5-10 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से पेचिश, हैजा, दूषित भोजन की विषाक्तता, उल्टी तथा अनपच आदि ठीक होते हैं। अमरूद का मुरब्बा, पेचिश एवं अतिसार में लाभदायक है। अमरूद के नये पत्तों को पीसकर स्वरस निकाल लें। इस स्वरस में चीनी मिलाकर प्रातःकाल सेवन करने से सात दिनों में बदहजमी में लाभ (guava benefits in hindi)होने लगता है।




कब्ज से छुटकारा पाने के लिए करें अमरूद का सेवन (Guava Helps to Get Rid of Constipation in Hindi)

प्रातः अमरूद (guava meaning in hindi) को नाश्ते में काली मिर्च, काला नमक तथा अदरख के साथ खाने से बदहजमी, खट्टी डकारें, पेट फूलना तथा कब्ज का निवारण होकर भूख बढ़ने लगेगी। दोपहर खाने के समय अमरूद को खाने से आंत के दर्द तथा अतिसार में लाभ होता है। अमरूद के गुण का लाभ मिलने के लिए सही मात्रा में सेवन करना ज़रूरी होता है। 


अमरूद का मुरब्बा कब्जियत को दूर करने का एक अचूक उपाय है। अगर आप कब्ज से परेशान है तो अमरुद का मुरब्बा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि अमरुद में लैक्सटिव का गुण पाया जाता है जो कि कब्ज को दूर करने में सहायता करता है। 




पेट दर्द में लाभकारी है अमरूद (Guava Beneficial to Treat Stomach Ache in Hindi)

पेट दर्द यदि आपको एसिडिटी के कारण है और साथ ही पेट में जलन हो रही है तो अमरुद के पत्ते का काढ़ा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योकि इसमें क्षरीयता का गुण पाया जाता है जो कि एसिडिटी को शांत कर पेट में आराम देता है। अमरुद का फल कब्ज के कारण होने वाले पेट दर्द में कब्ज को दूर कर आराम देता है। 


दांत दर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद अमरूद (Benefit of Amrud to Get Relief from Tooth Ache in Hindi)

 अगर आपको दाँत में दर्द है तो तो अमरुद की पत्तियों को चबाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि कषाय गुण होने के कारण के दर्द में आराम देती है और मुख में छाले या घाव है तो उसको भरने में भी मदद करती है। 


ठंडक के लिए अमरूद का सेवन करें (Benefit of Amrud to Treat Cold in Hindi)

शरीर में ठंडक लाने के लिए अमरुद का सेवन एक अच्छा उपाय हो क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार अमरुद की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका सेवन शरीर को ठंडक प्रदान करने वाला होता है। 


हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने में अमरूद के फायदे (Amrud Beneficial to Overcome Haemoglobin Deficiency in Hindi)

यदि आपको हीमोग्लोबिन की कमी है तो अमरुद का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योंकि अमरुद आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। 


मुँह का दुर्गंध दूर करने में फायदेमंद हीमोग्लोबिन (Amrud Beneficial to Treat Bad Breath in Hindi)

अमरुद के पत्ते त्वचा के निखार के लिए भी प्रयोग किये जाते है। अमरुद की पत्तियों का लेप कील-मुहासों को दूर करके त्वचा पर निखार लाता है क्योंकि इनमें कषाय गुण पाया जाता है जो त्वचा की गंदगी दूर करता है और तैलीय तत्व को नियंत्रित कर मुंहासों को आने से रोकता है। 


मलद्वार बाहर निकलने की समस्या से दिलाये आराम (Benefits of Amrud in Treatment of Rectal Prolapse in Hindi)

Guava leaf benefits


अमरूद (guava meaning in hindi) और नागकेशर दोनों को महीन पीसकर उड़द के समान गोलियाँ बनाकर सेवन कराने से कब्ज के कारण गुदभ्रंश यानी मलद्वार का बाहर निकलना बंद होता है।


अमरूद के वृक्ष की छाल, जड़ और पत्ते, बराबर-बराबर लेकर मोटा कुट लें तथा एक लीटर जल में उबालें, जब आधा जल शेष रह जाए, तब इस काढ़े से गुदा को बार-बार धोना चाहिए इससे गुदभ्रंश में लाभ होता है।


लगातार होने वाले दस्त के कारण होने वाले गुदभ्रंश में अमरूद के ताजे पत्रों की पुल्टिस बनाकर बाँधने से दर्द और सूजन कम होती है तथा गुदभ्रंश में लाभ होता है।


 


खूनी बवासीर से आराम दिलाता है अमरूद (Amrud Benefits for Piles in Hindi)

5-10 ग्राम अमरूद की छाल के चूर्ण को उसके ही काढ़े के साथ सेवन करने से बवासीर के कारण होने वाले रक्तस्राव तथा खुजली का शमन होता है। अमरूद के गुण का लाभ मिलने के लिए सही मात्रा में सेवन करना ज़रूरी होता है।


 


गठिया में फायदेमंद (Amrud Benefits in Arthritis in Hindi) :

अमरूद (guava meaning in hindi) के कोमल पत्तों को पीसकर गठिया के दर्द वाले स्थानों पर लेप करने से लाभ होता है।


 


मानसिक रोगों में फायदेमंद है अमरूद (Benefits of Guava in Mental Diseases in Hindi)

अमरूद के पत्ते के काढ़े का सेवन करने से मस्तिष्क विकारों तथा किडनी की जलन का शमन (amrood benefits) होता है।


 


ऐंठन व कंपन दूर करता है अमरूद (Amrud Benefits for Spasm in Hindi)

अमरूद के पत्ते के अर्क या टिंचर को बच्चों की रीढ़ की हड्डी पर मालिश करने से आक्षेप रोग यानी ऐंठन तथा कंपन में लाभ (amrood benefits)होता है।




बुखार से दिलाये आराम अमरूद (Guava Help to Relief from Fever)

Cold and Fever Home remedy


अगर आप बुखार से तड़प रहे हैं तो अमरूद के कोमल पत्तों को पीस-छानकर पिलाने से बुखार के कष्ट से आराम मिलता है। 


एसिडिटी दूर करने में मददगार है अमरूद (Amrud Helps to Get rid of Acidity)

अमरूद के बीज (amrud ke fayde) निकालकर पीसकर गुलाब जल और मिश्री मिला कर पीने से अत्यंत बढ़े हुए एसिडिटी में आराम होता है।




विशेष :  अमरूद के पत्ते के फायदे को पाने के लिए पत्ते के स्वरस को पिलाये या अमरूद खाने से भांग, धतूरा आदि का नशा दूर हो जाता है।


 


अमरूद के नुकसान (Guava Side Effects in Hindi)

गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को विशेष रूप से अमरूद (guava in pregnancy) के ज्यादा प्रयोग से बचना चाहिए, क्योंकि इनमें ज्यादा फाइबर होने की वजह से महिलाओं को डायरिया होने की संभावना रहती है।


 


अमरूद का सेवन कैसे करना चाहिए ( How to consume Guava in Hindi)

अमरूद (amrud ke fayde) को आप फल के रूप में खा सकते हैं। अगर आप इसका औषधीय उपयोग करना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही उपयोग करें।


 


मात्रा एवं सेवन विधि : 

 क्वाथ 10-20 मि.ली.


 


अमरूद कहां पाया या उगाया जाता है ( Where is Guava Found or Grown in Hindi) :

भारत में अमरूद का पेड़ (amrood ke fayde) लगभग हर जगह प्रमुखता से पाया जाता है. भारत के अलावा दक्षिण अमेरिका के पेरू देश में भी यह होता है और इसलिए यूरोपीय लोग इसे पेरू फ्रूट (Peru Fruit In English) भी कहते हैं। इसके फल हरे-पीले, लाल (Pink Guava) या लाल बिन्दु अंकित पीले रंग के होते हैं। वर्षा ऋतु की अपेक्षा शरद ऋतु के फल अधिक मीठे तथा स्वादिष्ट होते हैं। यह जंगली और बागवानी द्वारा उत्पन्न, दोनों अवस्थाओं में पाया जाता है।


 


अमरूद से जुड़े अक्सर पूछे जाने प्रश्न (FAQ Related to Amrud in Hindi)

1- क्या सर्दियों के मौसम में अमरूद का सेवन करना चाहिए?

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों के मौसम में अमरूद खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी बढ़ाते हैं। इसलिए जाड़ों के दिनों में रोजाना ताजे अमरूद का सेवन करें।


2- क्या अमरूद का सेवन पेट के लिए फायदेमंद होता है?

सर्दियों में अधिकांश लोग पेट से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहते हैं और ऐसा देखा गया है कि ये सारी समस्याएँ पाचन तंत्र के ठीक ढंग से काम ना करने के कारण ही होती है। ऐसे में अमरूद का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में मौजूद फाइबर पेट को साफ रखने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है।


3- क्या अमरूद की पत्तियां भी सेहत के लिए लाभकारी हैं?

अमरुद का फल जितना स्वादिष्ट और फायदेमंद होता है उसकी पत्तियां भी उतनी ही लाभदायक हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अमरुद की पत्तियों में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी का गुण पाया जाता है जो कि रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाता है और कई मौसमी बीमारियों से बचाता है।